एटीएस चार्जशीट में हुआ खुलासा- सनातन संस्था मुंबई और पुणे में करना चाहती थी धमाका

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मुंबई। नालासोपारा से बरामद विस्फोटक मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ते(एटीएस) ने गुरुवार को 6 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इसमें खुलासा हुआ है कि
सनातन संस्था मुंबई, पुणे सहित कई अन्‍य जगहों पर आतंकी हमले कराना चाहती थी। ये पहली बार है कि एटीएस ने सनातन संस्‍था का नाम अधिकारिक रूप से सामने रखा है।
एटीएस ने अपनी चार्जशीट में कहा है, “आरोपी सनातन संस्था (जिसका मुख्यालय गोवा में है), उसके सहयोगी संगठन ‘हिंदू जागृति’ और ऐसे ही अन्य संगठनों के सदस्य थे।
वे तथाकथित हिंदू राष्ट्र की स्थापना की दिशा में प्रयास करने की प्रेरणा से प्रेरित थे जैसा कि मराठी पुस्तक ‘क्षात्र धर्म’ में व्याख्या की गई है। यह किताब सनातन संस्था ने प्रकाशित कराई थी।”
चार्जशीट में आगे कहा गया है,”गिरोह ने तथाकथित हिंदू धर्म, उसकी परंपराओं, रीति-रिवाजों आदि के खिलाफ बोलने, लिखने और गतिविधि करने वालों को निशाना बनाने के लिए पिस्तौल, बम का उपयोग करने की योजना बनाई थी ताकि आम लोगों को डराया जा सके।”
जांच में सामने आया कि दिसंबर, 2017 में पुणे में आयोजित वेस्टर्न म्यूजिक कॉन्सर्ट सनबर्न उनके निशाने पर था। एटीएस ने बताया है कि इसी साल 7 अगस्त को पुलिस इंस्पेक्टर विश्वासराव को जानकारी मिली कि पुणे, सातारा, सोलापुर और नालासोपारा में रहने वाले कुछ लोग मुंबई और पुणे में आतंकी हमले की साजिश रच रहे हैं।
 चार्जशीट में शरद कालस्कर (25), वैभव राउत (44), सदभावना गोंढलेकर (39), श्रीकांत पंगारकर (40), अविनाश पवार (30), लीलाधर उखिरडे (32),वासुदेव सूर्यवंशी (19), सुचित कुमार रंगास्वामी (37),भारत कुरने (37), अमोल काले (34), अमित बड्डी (27) और
गणेश दशरत मिस्किन (28) के नाम हैं। उन्हें पालघर जिले के नल्लासपारा, पुणे, औरंगाबाद और राज्य के अन्य स्थानों से गिरफ्तार किया गया था।
इन पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ कानून, आईपीसी, हथियार कानून और महाराष्ट्र पुलिस कानून लगाये गये हैं।
राऊत और कलसकर के घर की तलाशी के दौरान कलसकर के घर हाथ से बम बनाने का तरीका लिखी दो चिट्ठियां मिली जबकि राऊत के घर 20 जिंदा देसी बम, 2 जिलेटिन छड़ें, 4 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर्स,
22 नॉन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर्स, सेफ्टी फ्यूज वायर, 2 पूरे 1 अधूरा पीसीबी सर्किट, 6 बैटरी कनेक्टर, 6 ट्रांजिस्टर्स, चार रिले स्विच, जहर की एक-एक लीटर की दो बोतलों समेंत कई सामान बरामद किए गए।
पुलिस के मुताबिक अभी तीन से चार आरोपी अब भी फरार हैं। बता दें कि महाराष्ट्र के नालासोपारा हथियार बरामदगी मामले में आरोपी शरद कालस्‍कर को पुणे कोर्ट ने 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेजा गया था।
शरद कालस्कर की सीबीआई ने दाभोलकर हत्याकांड की जांच के लिए ATS से कस्टडी ली थी। अब शरद को मुंबई की आर्थर रोड जेल में लाया जाएगा।
एटीएस के मुताबिक आरोपियों ने हमले को अंजाम देने के लिए जिन जगहों पर प्रशिक्षण लिया उनकी पहचान कर ली गई है। इससे जुड़ी डायरी बरामद की गई है जिसमें हमले की जगहों और
प्रशिक्षण से जुड़ी जानकारी कोड भाषा में दर्ज हैं लेकिन आरोपियों ने पूछताछ में कोड का खुलासा कर दिया है। इसके अलावा आरोपियों ने साजिश के दौरान अपने मोबाइल बंद रखे और संपर्क के लिए किसी और के नाम पर लिए गए सिमकार्ड दूसरों के मोबाइल में इस्तेमाल किए।
आरोप पत्र में दावा किया गया है दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित होने वाले पश्चिमी संगीत के कार्यक्रम सनबर्न पर हमला करने के लिए आरोपियों ने पूरी तैयारी कर ली थी।
इसके लिए देसी बम, पेट्रोल बम, बंदूक और पथराव के जरिए हमला कर लोगों में दहशत फैलाने की साजिश रची गई थी। आयोजन स्थल की निगरानी भी कर ली गई थी लेकिन
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ऐन मौके पर आरोपियों ने हमले की साजिश को अंजाम नहीं दिया क्योंकि उन्हें शक हो गया कि निगरानी के दौरान उनका चेहराल एक साथ सीसीटीवी की कैद में आ गया है।

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