चुनाव में इन घटनाओं से, उठे चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल

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हालांकि मतगणना से पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में कुछ घटनाओं ने चुनाव की निष्पक्षा पर सवाल उठा दिए हैं। इन राज्यों में कहीं ईवीएम मशीन अपने तय समय के बहुत देर बाद नियुक्त किए स्थान पर पहुंचीं। कहीं एक पार्टी विशेष के प्रत्याशी के यहां ईवीएम मशीन मिलने से हड़कंप मच गया।
तो कहीं मतदान के लिए पहुंचे मतदाताओं का वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं था। छत्तीसगढ़ में तो कथित तौर पर कुछ लोग लैपटॉप मोबाइल लेकर स्ट्रॉन्ग रूम में पहुंच गए। ऐसे में हम यहां आपको सिलसिलेवार ढंग से उन घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो कहीं ना कहीं चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं।
नवंबर और दिसंबर महीने में हुए पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद अब नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल के अनुमानों ने सियासी दलों की धड़कने बढ़ा दी है। शुक्रवार (7 दिसंबर, 2018) शाम जारी एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा और
कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान है, जबकि राजस्थान में विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) बहुमत हासिल कर सकती है। एग्जिट पोल में यह भी अनुमान लगाया गया है कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सत्ता में कायम रहेगी। मतगणना 11 दिसंबर को होगी।
तेलंगाना में कई विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में ही नहीं होने के मामले सामने आए। इसमें मशूहर बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा का नाम भी शामिल है। ज्वाला ने ट्वीट कर खुद वोटर लिस्ट में अपना नाम ना होने पर सख्त नाराजगी जताई।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘मतदाता सूची से अपना नाम गायब होने पर आश्चर्यचकित हूं।’ एक अन्य ट्वीट में लिखा गया, ‘चुनाव निष्पक्ष कैसे हो सकते हैं। जब मतदाता सूची से ही नाम रहस्यमय तरीके से गायब हो जाते हैं।’ राज्य में इसी तरह बहुत से विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में नहीं होने के मामले सामने आए।
न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक छत्तीसगढ़ में जगदलपुर के स्ट्रॉन्ग रूप में दो लोग लैपटॉप लेकर पहुंच गए। इन लोगों ने बताया कि वो जियो कर्मचारी हैं। इन लोगों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इसके अलावा अन्य खबररिया चैनलों ने स्ट्रॉन्ग रूम से पकड़े गए लोगों की संख्या तीन बताई है। तीनों के पास कोई आईडी भी नहीं थी। इसका मतलब है कि तीनों को स्ट्रॉन्ग रूम में होने की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं थी। कांग्रेस ने इस मामले में बड़ी धांधली की बात कही है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव अधिकारियों की लापरवाही का भी मामला सामने आया। यहां बारां औ पाली जिले में चुनाव के बाद ईवीएम मशीन को लेकर बरती गई लापरवाही के बाद चुनाव अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। दरअसल बारां जिले में ईवीएम मशीन सड़क पर लावारिश हालत में पड़ी मिली जबकि पाली जिले में भाजपा उम्मीदवार के घर से ईवीएम मशीन मिली। इन मामलों में जांच जारी है।
यहां कांग्रेस ने राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा पर हमला बोला है। पार्टी का आरोप है कि ईवीएम के सागर हेडक्वॉर्टर पहुंचने पर स्ट्रॉन्ग रूम का कैमरा दो से ज्यादा घंटे के लिए बंद हो गया। कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी पार्टियां भी यहां भाजपा पर हमलावार हैं।
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आरोप यह भी है कि राज्य में खुरई से सागर 37 रिजर्व ईवीएम डिलिवर करने के लिए 25 किमी का रास्ता तय करने में एक बस समेत दो गाड़ियों को 48 घंटे का समय लग गया। बस का रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं था। मामले में एक दिग्गज कांग्रेस नेता ने कहा कि इससे शक पैदा होता है।

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