बढ़ती जा रही है दोनों भाइयों के बीच दरार, शिवपाल का मुलायम से हुआ मोहभंग

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लखनऊ। शिवपाल सिंह यादव ने 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर इटावा के सैफई में बड़ा कार्यक्रम रखा था। इसमें मुलायम सिंह यादव नहीं पहुंचे थे।
इसके बाद से ही शिवपाल सिंह यादव तथा मुलायम सिंह यादव में कुछ तल्खी बढऩे लगी थी। इसी बीच कल फीरोजाबाद में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव तथा रामगोपाल यादव के साथ मंच साझा किया।
जनसभा को संबोधित करने के बाद ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने को कहा था। शिवपाल सिंह यादव ने इसके बाद से अपनी अलग तैयारी शुरू की दी।
राजनीति के लंबे सफर के बाद समाजवादी पार्टी को छोड़कर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन करने वाले शिवपाल सिंह यादव कल लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में जनाक्रोश रैली में अपना ताकत का प्रदर्शन करेंगे।
शिवपाल सिंह यादव का दावा है कि इस रैली में दो-तीन लाख लोग एकत्र होंगे। इन दो-तीन लाख में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव नहीं होंगे।
मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के भ्रात प्रेम के बीच में अब सियासत खड़ी हो गई है। दोनों भाईयों के बीच दरार पड़ती नजर आ रही हैं। बीते कुछ दिनों से हालात जिस तरह के पैदा हो रहे हैं ऐसे में इस प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं।
शिवपाल अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की जनाक्रोश रैली कल लखनऊ में कर रहे हैं। रैली में शिवपाल सिंह यादव सभी को निमंत्रण दे रहे हैं लेकिन
अपने भाई मुलायम सिंह यादव को बुलावा नहीं भेजा। शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव को इस रैली का निमंत्रण ही नहीं दिया है। अब पार्टी का कहना है मुलायम सिंह यादव मुखिया हैं, वो चाहे तो आ सकते हैं लेकिन बुलावा नहीं भेजा गया है।
शिवपाल सिंह यादव से जब नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के रैली में शामिल होने के लेकर जब सवाल किया गया तब शिवपाल यादव ने दो टूक में कहा कि नेता जी का आना या ना आना अब कोई मुद्दा नहीं है।
अब शिवपाल के इस जवाब ने सभी को चौंका दिया है क्योंकि अभी तक शिवपाल हर मंच से कहते रहते हैं कि नेता जी मेरे साथ हैं और देखा भी यही गया है। शिवपाल सिंह के साथ कई कार्यक्रमों में मुलायम सिंह यादव मंच साझा कर चुके हैं। अब ऐसे में शिवपाल यादव का मुलायम सिंह यादव को लेकर दो टूक कहना लोगों को खटक रहा है।
उनके इस जबाव के लोग यही मायने निकाल रहे हैं कि शायद शिवपाल के लिए नेता जी का आना, न आना अब कोई महत्व नही रखता।
शिवपाल को मिल सकता है मुलायम की बहू का साथ शिवपाल सिंह यादव लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में अपनी पहली रैली करेंगे। इस रैली में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
इसी बीच फिरोजाबाद में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव के साथ मंच साझा कर शिवपाल की चुनौती बढ़ा दी है। हालांकि इस बात की चर्चा जोरों पर है कि मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव शिवपाल के साथ मंच साझा कर सकती हैं।
पहले भी कई मौकों पर अपर्णा यादव शिवपाल सिंह यादव के साथ मंच साझा करती दिखी हैं। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि अपर्णा यादव शिवपाल की पार्टी की तरफ से चुनाव भी लड़ सकती हैं।
शिवपाल यादव के लिए यह रैली प्रतिष्ठा का सवाल है। उनके समर्थक खासे उत्साहित हैं। उनके लिए नए-नए स्लोगनों का इस्तेमाल शहर भर में हो रहा है। चौराहों पर लगे होर्डिंग में शिवपाल को जननायक के रूप में पेश किया गया है।
हैं तैयार हम स्लोगन भी हम फिल्म के एक गीत से लिया गया है। इसमें आगे लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहने की बात है। चाचा तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं,नारा तो उसी दिन से लगने लगा है।
जब से शिवपाल सपा से अलग होते हुए समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाया। शिवपाल को बेमिसाल भी बताया गया है। भारी भीड़ के साथ शिवपाल के चित्र के साथ लिखा है नहीं अकेले हैं शिवपाल। साफ संदेश है कि जनता शिवपाल के साथ है।
शिवपाल की पार्टी सपा के असंतुष्ट नेताओं व कार्यकर्ताओं का मजबूत ठीहा बन रही है। साथ ही अलग अलग क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवर लोग भी उनकी पार्टी से जुड़ रहे हैं। सपा के आरोपो से सर्तक उनकी पार्टी एक ओर भाजपा पर तीखे हमले कर रही है,

तो दूसरी ओर सपा में शिवपाल के अपमान को भी मुद्दा बनाने में जुटी है। रैली कमान खुद शिवपाल ने संभाल रखी है। इस रैली में प्रदेश के सभी जिलों से लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है। लखनऊ के आसपास के जिलों से ज्यादा लोग जुटाने की कोशिश हो रही है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव कहते हैं कि यह रैली केंद्र व यूपी की भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ है। महंगाई, बेरोजगारी तो कम नहीं हुई, उल्टे जीएसटी व नोटबंदी से जनता की मुसीबतें और बढ़ा दीं।
छोटा मोटा कारोबार करने वालों को इससे भारी नुकसान हुआ। जनता में इन सबको लेकर आक्रोश है। उन्होंने बताया कि रैली के बाद पार्टी का लखनऊ में राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। इसमें पुराने समाजवादियों को बुलाया जाएगा और विभिन्न मुद्दों पर विचार मंथन होगा।
शिवपाल सिंह के इंतजामों पर 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव ने पानी फेर दिया ता। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन था। इस मौके पर शिवपाल ने पूरे इटावा को दुल्हन की तरह सजाया था।
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दंगल से लेकर कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया था, लेकिन मुलायम इटावा न जाकर लखनऊ के सपा कार्यालय जा पहुंचे थे।
वहां मुलायम सिंह यादव ने केक काटकर जन्मदिन मनाया था। शायद मुलायम का इटावा में कार्यक्रम से नदारद रहना शिवपाल को अखर गया।

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