जालंधर। भारी बैग्स के कारण लगभग तीस फीसदी बच्चों में बैक पेन और स्पाइन से जुड़ी बीमारियों की शिकायतें बढ़ रही हैं। परेशानी से अनजान पैरेंट्स को भी इस बात की खबर नहीं है।
रियलिटी चेक में पता चला कि जितनी छोटी क्लास है, बच्चों पर स्कूल बैग्स का उतना ही ज्यादा बोझ है।
छोटे-छोटे कंधे और उन पर लदे भारी-भरकम स्कूल बैग…ऐसी हालत ज्यादातर बच्चों की है, जो जरूरत से ज्यादा भारी बैग उठाकर स्कूल जाते हैं।
हालांकि सरकार ने स्कूल बैग्स का भार तय कर दिया है, बावजूद इसके बच्चे लिमिट से ज्यादा भारी बैग ढोने को मजबूर हैं।
क्लास |
1-2 |
3-4 |
5-8 |
8-9 |
10वीं |
बस्ते का वजन (किलो में) |
1 से 1.5 |
2-3 |
4 |
4.5 |
5 |