मायावती और अखिलेश, भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की बैठक में नहीं होंगे शामिल

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लखनऊ। पांच राज्यों के चुनाव के नतीजे आने से पहले ही आज नई दिल्ली में एक बार फिर बड़ी कवायद की गई है। आज विपक्षी दलों की बैठक का आयोजन किया गया है।
भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की तैयारी को लेकर हो रही इस बैठक से एक बड़ा धड़ा बहुजन समाज पार्टी गायब है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस बैठक से किनारा कर लिया है।
भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट होने के प्रयास में लगे विपक्ष को झटके लगने लगे हैं। नई दिल्ली में आज होने वाली महागठबंधन की बैठक में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के साथ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी शामिल नहीं होंगे।
बैठक तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुलाई है। समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव के स्थान पर मुलायम सिंह यादव या फिर प्रोफेसर रामगोपाल यादव बैठक में शामिल हो सकते हैं। इस बैठक से बसपा ने किनारा कर लिया है।
मायावती तो कांग्रेस से नाराज है, जबकि अखिलेश यादव का भी इस बैठक में शामिल होने का कोई भी कार्यक्रम नहीं है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा के साथ सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बन पाने के बाद मायावती कांग्रेस से नाराज चल रही हैं। कांग्रेस ने इस बैठक के लिए बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा को मनाने का काफी प्रयास किया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया कि वह दिल्ली में महागठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गठबंधन की कवायद पर कहा कि बातचीत जारी है। 2019 से पहले अच्छा गठबंधन होगा।
इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि देश आज जो समस्याएं झेल रहा है, उसे देखते हुए सभी लोग एक साथ आ रहे हैं। यह एक अच्छी शुरुआत है। सभी प्रयास कर रहे हैं एक अच्छा गठबंधन बने।
हमारी कोशिश है कि ऐसा गठबंधन बने, जिससे भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान हो। गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने या नहीं होने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई बात ही नहीं की गई है। गठबंधन में उसके होने या नहीं होने पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
मुलायम सिंह यादव ने कल लखनऊ में शिवपाल सिंह यादव की जनाक्रोश रैली में दिल्ली में होने वाली कांग्रेस और विपक्षी दलों की बैठक का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कल दिल्ली में सभी दलों की बैठक है।
देश के सामने गंभीर समस्या है। साम्प्रदयिक शक्तियां फिर से सर उठा रही हैं। देश की जमीन पर पाकिस्तान और चीन कब्जा कर रहे हैं। मेरा जाना अनिवार्य है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिरोजम व तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे कल आएंगे। इससे एक दिन पहले भाजपा तथा केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की बैठक है।
बैठक में आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से मुकाबला करने को ‘महागठबंधन’ बनाने पर भी चर्चा होगी। यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। कल विधानसभा चुनाव के परिणाम आ रहे हैं जबकि संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले विपक्षी दल बड़ी तैयारी में हैं।
इस बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी व
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी के भी रहने की उम्मीद है। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) अध्यक्ष एमके स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव व लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के नेता शरद यादव भी बैठक में भाग लेंगे।

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