खुलासा: भाजपा नेता प्रत्यूष मणि त्रिपाठी ने, सुरक्षा के लिए रची थी खुद पे हमले की साजिश

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लखनऊ। बादशाहनगर में भाजपा नेेता प्रत्यूष मणि त्रिपाठी की हत्या के मामले में राजधानी पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस का दावा है कि प्रत्यूष ने अपने साथियों से खुद पर हमला करवाया था ताकि उसे सुरक्षा मिल सके।
यही नहीं साजिश के तहत प्रत्यूष ने 25 नवंबर को कैसरबाग में हुए विवाद के आरोपितों पर हमला करने का आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवाने की योजना बनाई थी।
एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक पड़ताल में घटनास्थल से कुछ दूर लगे सीसी कैमरे में बाइक से भागते प्रत्यूष के परिचित कैद हुए थे और
उनकी लोकेशन भी वहीं मिली थी। आरोपितों ने वारदात कबूल की, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
एएसपी ट्रांस गोमती हरेंद्र कुमार के मुताबिक प्रत्यूष की पत्नी प्रतिमा ने पूछताछ में बताया था कि तीन दिसंबर को शाम छह बजे उनके पति अपने साथी फैजुल्लागंज निवासी आशीष कुमार अवस्थी की बाइक पर बैठकर निकले थे।
वहीं प्रत्यूष की बाइक से उनके पीछे सैदापुर मडिय़ांव निवासी महेंद्र गुप्ता और न्यू गरौड़ा सरोजनीनगर निवासी अनिल राणा भी गए थे। रात करीब 10:45 बजे प्रतिमा के पास प्रत्यूष के मोबाइल से पुलिस ने फोन किया था।
प्रतिमा ने जानकारी लेने के लिए आशीष को फोन कर घटना के बारे में पूछा था, जिसपर उसने साथ में होने से इंकार कर दिया था। पड़ताल में पता चला कि 25 नवंबर को प्रत्यूष की पड़ोस में रहने वाले जीशान, सलमान, अदनान और शिबू से मारपीट हुई थी।
आरोपितों को जेल भिजवाने और पुलिस सुरक्षा लेने के लिए प्रत्यूष ने अपने घर पर दो अन्य परिचित सेक्टर ए मडिय़ांव निवासी प्रभात कुमार और त्रिवेणी नगर निवासी अमित अवस्थी के साथ खुद पर हमले की योजना बनाई थी।
एएसपी टीजी ने बताया कि प्रत्यूष ने अपने साथी महेंद्र के साथ घटना के दिन गड़बड़झाला से 250 रुपये में खुद ही मीट काटने वाला चाकू खरीदा था। बाद में महेंद्र को मेडिकल शॉप से ग्लब्स खरीदने के लिए भेजा था।
सभी योजना बनाकर घर से निकले थे और सुनसान स्थान देखकर बादशाह नगर रेलवे स्टेशन के पास घटना को अंजाम देने की बात तय की थी। आरोपितों ने चाकू कुकरैल नाले में फेंक दिया था।
मामले के विवेचक इंस्पेक्टर महानगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि प्रत्यूष ने पहले आशीष को चाकू मारने के लिए कहा था। आशीष ने इंकार कर दिया था कि उससे नहीं हो पाएगा। इसके बाद प्रत्यूष ने अनिल राणा से हमला करने को बोला था।
अनिल ने कंधे के पास चाकू से वार किया, लेकिन घाव गहरा नहीं हुआ। इसपर प्रत्यूष ने आरोपितों को दोस्ती का वास्ता देकर उकसाया था, जिसके बाद अनिल ने सीने पर हमला किया था। बताया गया कि एक अधिवक्ता ने बादशाहनगर के पास इस वारदात को अंजाम देने की सलाह दी थी।
पुलिस का दावा है कि प्रत्यूष ने हमले के बाद आरोपितों को सीधे ट्रामा सेंटर पहुंचकर हंगामा करने के लिए कहा था और मीडिया को बुलाने की योजना बनाई थी।
ट्रामा में भाजपा नेता की मौत के बाद खुद को बचाने के लिए आरोपितों ने साथियों संग हंगामा और पुलिस से अभद्रता की थी। पुलिस ने पांचों आरोपित अनिल कुमार राणा, आशीष अवस्थी, महेंद्र गुप्ता, प्रभात कुमार उर्फ ऋषि और अमित अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रत्यूष खुद के बिछाए जाल में फंसकर काल के गाल में समा गए। अत्यधिक रक्तस्राव मौत का कारण बना और साजिश में शामिल सभी आरोपित जेल भेजे गए। पुलिस पहले दिन से घटना पर संदेह जता रही थी।
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यही वजह है कि पुलिस ने हत्या के बजाय कैसरबाग में दर्ज मामले में जीशान, अदनान, सलमान और शिबू को गिरफ्तार किया था।
सीओ महानगर संतोष कुमार सिंह के मुताबिकं गिरफ्तार पांचों लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या में पड़ताल की जाएगी।

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