जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस ने भाजपा को 73 सीटों पर रोक दिया। कांग्रेस ने 99 सीटें जीतीं। रालोद यहां कांग्रेस को समर्थन कर रही है, जिसके खाते में एक सीट आई है।
इस तरह कांग्रेस को 100 सीटें मिली हैं। बहुमत के लिए 101 सीटें चाहिए। कांग्रेस ने बुधवार को विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बीच, वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान में हमें जनादेश मिला है। कांग्रेस की सरकार बनेगी। उन्होंने निर्दलियों और भाजपा के उम्मीदवारों को भी सरकार में शामिल होने का खुला न्यौता दिया है।
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पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने भी सरकार बनाने का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस की विचारधारा में भरोसा रखने वाले उम्मीदवारों के भी संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि बीएसपी 3 सीटों और सीपीआई-एम 2 सीटों पर आगे है। हम इस तरह के दलों का भी स्वागत करेंगे।
अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के आसार ज्यादा हैं इसलिए कि गहलोत संकट मोचक हैं और अन्य दलों से उनका मैनेजमेंट भी अच्छा है। इसके पहले भी जब गहलोत मुख्यमंत्री थे तो उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं मिला था।
96 सीटों के साथ कांग्रेस सरकार बनी थी और गहलोत ने सफलतापूर्वक पांच साल राज किया था। सचिन पायलट चूंकि नए हैं, इसलिए कम सीटों की सरकार में उनके सीएम बनने की संभावना कम है।
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खो-खो के खेल में खिलाड़ी बारी-बारी से जगह बदलते हैं। राजस्थान में भी हर पांच साल में सत्ता बदलती है। एक बार भाजपा आती है, एक बार कांग्रेस। सियासत का राजस्थान में यही खेल है। कांग्रेस 100 सीटों पर पहुंच गई है। 2013 में उसे महज 21 सीटें मिली थीं।
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कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी जीत यही है कि इन नतीजों ने प्राणविहीन पार्टी में प्राण फूंक दिए हैं और उसकी भाग्य रेखा खुल गई है। अब नजर इस पर है मुख्यमंत्री कौन बनेगा? सचिन पायलट साढ़े चार साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं। उन्होंने पिछले उपचुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाई है। लेकिन, कांग्रेस में आलाकमान में ही सारी चीजें तय करता है।