मुख्यमंत्री योगी ने सचिवालय सेवा के दो अधिकारियों को किया निलंबित

0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंडर सेक्रेटरी रामरतन, एसओ जयपाल को एपीसी की रिपोर्ट पर निलंबित किया है। निलंबित किये गए दोनों अधिकारी आरईएस विभाग के हैं।
दोनों अधिकारी पूर्व मंत्री पारसनाथ के गलत फैसले से के बाद निलंबित किये गए हैं। बताया जा रहा है कि आरईएस निदेशक उमाशंकर को पारसनाथ ने बहाल किया था।
बता दें कि हर सरकार मे जलवा काटने वाले ग्रामीण अभियंत्रण सेवा आरईएस के इंजीनियर व पूर्व निदेशक उमाशंकर के मोहपाश से योगी भी न बच सके।
योगी सरकार के आरईएस मंत्री मोती सिंह तो इस कदर उमाशंकर के ईश्क मे गिरफ्तार रहे कि विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव को भी दरकिनार कर बस उसी की सुनते रहे।
उमाशंकर का रसूख इतना था कि मन मुताबिक काम न पूरा होने पर प्रमुख सचिव तक को चलता करवा दिया था और भ्रष्टाचार में गले तक डूबने के बाद भी ससम्मान माला पहनकर पूर्व निदेशक उमाशंकर रिटायर हुआ।
सरकार किसी की भी रही हो, मुख्यमंत्री और मंत्री कोई भी रहे हों इस इंजीनियर में ऐसा जादू था कि सबके सब इसके मुरीद होते गये। कलंक कथा के पर्याय यादव सिंह जैसे स्वनामधन्य इंजीनियर भी इनकी कलाकारी के आगे बौने नजर आते हैं।
मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल को पार करते हुए तमाम इल्जामों से घिरे इस बाजीगर इंजीनियर ने योगी सरकार में भी अपनी अच्छी घुसपैठ बना लिया था।
जिसका खुलासा कई बार मीडिया द्वारा किया जा चुका था। उमाशंकर अखिलेश सरकार में डिमोट होने के बाद फिर प्रमोट हो गए और अपना रिटायरमेंट योगिराज में मंत्री जी की मेहरबानी से पूरा करने में कामयाब रहे।
मायावती सरकार में चलाई गई अंबेडकर ग्राम CC रोड योजना से कमाई का जो धंधा शुरू हुआ वह अखिलेश सरकार के लोहिया ग्राम योजना तक जारी रहा।
यह भी पढ़ें: SSP लखनऊ ने लोहिया पथ पर बैरिकेडिंग लगवाकर कराई वाहनों की चेकिंग
इसी योजना के एक बड़े हिस्से को ऊपर तक पहुंचाने में पूरी तरह से संलिप्त रहा उमाशंकर जिससे सरकार किसी की भी रही हो इस का जलवा बरकरार रहा था।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More