कमलनाथ ही होंगे MP के मुख्यमंत्री, राजस्थान-छत्तीसगढ़ पर फैसला बाकी

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नई दिल्ली/भोपाल। कमलनाथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस आलाकमान ने उनके नाम पर मुहर लगा दी। विधानसभा चुनाव से करीब 6 महीने पहले कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा संभाला था।
कांग्रेस ने इस फैसले के साथ यह भी साफ कर दिया कि राज्य में कोई उप-मुख्यमंत्री नहीं होगा।
इससे पहले गुरुवार दिनभर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर बैठकों के दौर चले। आलाकमान ने फैसला कर लिया, लेकिन कमलनाथ और सिंधिया को दिल्ली से भोपाल जाकर घोषणा करने को कहा।
इस बीच, राजस्थान को लेकर सस्पेंस कायम है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी की पसंद गहलोत हैं, लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि पायलट इसके लिए राजी नहीं हैं।
नौ बार से छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ को इंदिरा गांधी ने अपना तीसरा बेटा माना था। वे उन नेताओं में से हैं, जिन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया। वे पहली बार नरसिम्हा राव सरकार में 1991 में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने।
वे कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केंद्रीय उद्योग मंत्री, परिवहन व सड़क निर्माण मंत्री, शहरी विकास, संसदीय कार्य मंत्री भी रहे। मनमोहन सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्री भी रहे।
ज्योतिरादित्य ने दिल्ली से भोपाल रवाना होने से पहले कहा- ये कोई रेस नहीं है। ये कुर्सी के लिए नहीं है। हम सब यहां मध्यप्रदेश के लोगों की सेवा के लिए आए हैं।
मप्र-छग-राजस्थान में मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों पर फैसले के लिए गुरुवार सुबह करीब 10 बजे से ही राहुल गांधी के आवास पर नेताओं का आना शुरू हो गया था। मध्यप्रदेश से कमलनाथ-सिंधिया और राजस्थान से गहलोत-पायलट भी बैठक में शामिल होने पहुंचे।
दोनों राज्यों के पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट राहुल को सौंपी। इसके बाद प्रियंका वाड्रा दो बार राहुल से मिलने आईं। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राहुल से मिलने उनके आवास पहुंचीं। कहा यह जा रहा था कि प्रियंका मप्र में सिंधिया को सीएम बनाए जाने पर जोर दे रही थीं।
राजस्थान पर देर रात बैठक
सीएम कौन हो, इसे लेकर राहुल के आवास पर कई दौर की बैठक हुई। दिनभर बैठक के बाद मप्र के मुख्यमंत्री का फैसला तो हो गया। लेकिन, राजस्थान पर सस्पेंस बरकरार है। रात्रि भोज के बाद राहुल ने गहलोत और पायलट को बैठक के लिए बुलाया।
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छत्तीसगढ़ में सीएम पद के लिए भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के साथ-साथ ताम्रध्वज साहू के नाम पर भी विचार हुआ। यहां सिंहदेव का नाम सबसे आगे है,
उन्हें शुक्रवार को दिल्ली बुलाया गया है और इसी दिन मुख्यमंत्री पर फैसला किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां मोतीलाल वोरा बघेल की दावेदारी का विरोध कर रहे हैं।

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