भोपाल। किसानों की कर्ज माफी का फैसला नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में हो सकता है। इसके लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू हो गई है।
मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर इसकी तैयारी के बारे में पूछा है। बैंकों से कर्जमाफी का ब्योरा मांगा गया है।
सहकारिता अधिकारियों ने बताया कि हमारे पास 40.96 लाख किसानों पर 56 हजार करोड़ का कर्ज होने का अनुमान है।
किसानों पर जो कर्ज है, वह सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का है। वहीं, प्रदेश के 21 लाख किसानों पर करीब 20 हजार करोड़ का कर्जा है, लेकिन इसे अदा नहीं किया है।
उसमें डूबते कर्ज को माफ करने के साथ नियमित कर्ज पर लगभग 25 हजार रुपए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
सोनकच्छ से विधायक और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि हमारे सीएम कमलनाथ जी मैनेजमेंट के फंडे जानते हैं और अर्थशास्त्री भी हैं। मप्र का खजाना खाली है और शिवराज सिंह इसे बीमारू राज्य बनाकर गए हैं। फिर भी कमलनाथ 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ कर देंगे।
कर्ज माफी के कुछ मुख्य बिंदु …
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प्रदेश के करीब 41 लाख किसानों पर 56 हजार करोड़ का कर्ज।
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कर्ज माफी के ब्लूप्रिंट में 2 लाख तक का कर्जा माफ करने की योजना है।
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इसके दायरे में सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंक दोनों आएंगे।
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इसका फायदा ओवरड्यू और समय पर लेनदेन करने वाले किसानों को कर्ज खाते में वर्तमान कर्ज राशि के आधार पर माफी मिलेगी।
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कर्ज माफी से राज्य पर करीब 60 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भर आएगा।
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मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
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किसानों द्वारा ट्रैक्टर व कुआं सहित अन्य उपकरणों के लिए लिया गया कर्ज माफी के दायरे में नहीं आएगा।
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सिर्फ खेती के लिए उठाए कर्ज पर माफी मिलेगी।
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किसान को पहले की बकाया राशि बैंक को वापस लौटानी होगी।
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अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री बनने और उनके साथ होने वाली बैठक में होगा।