अवैध खदान में करीब 40 घंटे से फंसे 13 मजदूर

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मेघालय: गुरुवार को मेघायल के पूर्वी जयंलिया हिल्स जिले में एक अवैध कोयला खदान में पानी भर गया था। जिसमें 13 लोग अभी भी फंसे हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली तो तुरंत उसके बाद वहां एक पंप लगाया गया।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 60 से अधिक सदस्यों वाले दो दल शुक्रवरा की सुबह यहां पहुंचे जबकि राज्य आपदा मोचन बल के 12 सदस्य पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद थे। गौरतलब है कि पास की लैटीन नदी का पानी सान गांव में मौजूद खदान में गुरुवार को प्रवेश कर गया था।
मेघायल के पूर्वी जयंलिया हिल्स जिले में एक अवैध कोयला खदान में पानी भरने की घटना से उसमे फंसे 13 लोगों को अभी भी नहीं निकाला जा सका है। हालांकि कोशिश जारी है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। बता दें ये हादसा एक दिन पहले गुरुवार को हुआ था।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) एक आर माथोह ने कहा कि हम खदान से पानी बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं जो कि करीब 320 फीट गहरी है। एनडीआरएफ के मुताबिक पानी का स्तर 70 फुट है। वहीं पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक सेल्वेस्टर नोंगतिंगर ने कहा कि पानी का स्तर नीचे नहीं गया है। इसके साथ ही दो और पंप बचाव में लगाए गए हैं। इसके साथ ही गोताखोर फंसे हुए खनिकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक सेल्वेस्टर नोंगतिंगर ने फंसे लोगों की संख्या पर कहा कि फंसे हुए खनिकों की संख्या के बारे में अभी कुछ साफ नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि खदान में पानी भरने से पहले पांच लोग बाहर निकल गए थे लेकिन पांच लोगों का अभी तक पता नहीं लग पाया है। हालांकि स्थानीय लोगों से बातचीत के हम ये संख्या 13 मानकर चल रहे हैं।
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मेघालय में 2014 से अवैज्ञानिक और असुरक्षित कोयला खदानों पर प्रतिबंध लगाया रखा है। पुलिस ने खदान का संचालन करने वाले जेम्स सुखलैन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल वह अभी फरार चल रहा है।
गौरतलब है कि ये पहली बार ऐसा नहीं हुआ है। इससे पहले 2012 में करीब 15 खनिकों के साथ भी खदान में फंसने का हादसा हुआ था जिनके शव आज तक नहीं मिल पाए हैं।

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