भोपाल। मुख्यमंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी वाली फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
हालांकि कर्ज माफी का प्रारुप क्या होगा ये बाद में पता चलेगा। बताया जा रहा है कि कर्ज माफी जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों की होगी। इसमें लगभग 33 लाख किसानों को फायदा होगा।
भले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों का कर्ज माफ कर देने का आदेश जारी कर दिया हो, लेकिन इसमें अभी कई पेंच सामने आने वाले हैं। योजना बनाई जा रही है।
कर्ज माफी के लिए नई सरकार जो पैमाना तैयार कर रही है उसके अनुसार सरकार घोषणा तो तय समय में कर देगी। लेकिन इसकी पात्रता और मापदंड कर्ज माफी के लिए बनाई गई कमेटियां ही तय करेंगी कि
किस किसान का कर्ज माफ होगा किसका नहीं। ये कमेटियां राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक गठित की जाएंगीय़ इनकी रिपोर्ट के बाद ही किसानों को कर्ज माफी के प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।
कर्ज माफी की कवायद चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शुरू हो गई थी। प्रदेश सरकार के आला अधिकारियों ने प्रदेश के सभी जिलों से किसानों पर कितना कर्ज है इसके आंकड़े मंगाना शुरू कर दिया था। कर्जमाफी के मॉडल के अध्ययन के लिए दो अधिकारी पंजाब और महाराष्ट्र से कर्ज माफी मॉडल का अध्ययन कर भी आए हैं।
कृषि और सहकारिता विभाग ने पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के मॉडल का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है। मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने भी कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियों से इसकी तैयारी के बारे में पूछा है।
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प्रदेश के किसानों पर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है।
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इसमें 56 हजार करोड़ रुपये का कर्ज 41 लाख किसानों ने लिया है। वहीं, लगभग 15 हजार करोड़ रुपये डूबत कर्ज (एनपीए) है।
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कर्ज माफी के लिए फिलहाल जिस फॉर्मूले पर मंथन हो रहा है, उसमें डूबत कर्ज को माफ करने के साथ नियमित कर्ज पर लगभग 25 हजार रुपये प्रोत्साहन दिया जाएगा।
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कर्ज माफी जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों की होगी। इसमें लगभग 33 लाख किसानों को फायदा होगा।
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बताया जा रहा है कि इससे लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय भार सरकार पर आएगा।
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प्रदेश के किसानों पर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है।
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इसमें 56 हजार करोड़ रुपये का कर्ज 41 लाख किसानों ने लिया है।
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वहीं, लगभग 15 हजार करोड़ रुपये डूबत कर्ज (एनपीए) है।
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कर्ज माफी के लिए फिलहाल जिस फॉर्मूले पर मंथन हो रहा है, उसमें डूबत कर्ज को माफ करने के साथ नियमित कर्ज पर लगभग 25 हजार रुपये प्रोत्साहन दिया जाएगा।
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सिर्फ खेती के लिए लिया कर्ज होगा माफ
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किसानों द्वारा ट्रैक्टर व कुआं सहित अन्य उपकरणों के लिए कर्ज लिया गया है तो उसे कर्ज माफी के दायरे में नहीं लिया जाएगा।
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सिर्फ खेती के लिए उठाए कर्ज पर माफी मिलेगी।
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इसमें भी यदि किसान ने दो या तीन बैंक से कर्ज ले रखा है तो सिर्फ सहकारी बैंक का कर्ज माफ होगा।
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कर्ज माफी कुल दो लाख रुपये तक ही होगी।
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इसके लिए पहले किसान को कालातीत बकाया राशि बैंक को वापस लौटानी होगी।
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हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री बनने और उनके साथ होने वाली बैठक में होगा।