सज्‍जन कुमार ने छोड़ी कांग्रेस, राहुल गांधी को भेजा इस्‍तीफा

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सज्जन पर 1984 में आपराधिक साजिश रचने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया। हालांकि, निचली अदालत ने 30 अप्रैल 2013 को उन्हें बरी कर दिया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन के अलावा तीन अन्य दोषियों कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और कांग्रेस के पार्षद बलवान खोखर की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। वहीं, दो दोषियों पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर की सजा 3 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी।
1984 के सिख विरोधी दंगों में दोषी करार दिए गए सज्जन कुमार ने मंगलवार को राहुल गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उन्हें 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया गया है।
जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘1947 में बंटवारे के वक्त कई लोगों का कत्लेआम किया गया था। इसके 37 साल बाद दिल्ली ऐसी ही त्रासदी की गवाह बनी। आरोपी राजनीतिक संरक्षण का फायदा उठाकर सुनवाई से बच निकले।’’
अभियोजन के वकील एचएस फूलका और अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सज्जन और जगदीश टाइटलर को मौत की सजा दिलाने तक उनकी जंग जारी रहेगी। वे गांधी परिवार को भी जेल पहुंचाकर रहेंगे।
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पिछले महीने पटियाला हाउस कोर्ट में मामले की एक गवाह चाम कौर ने सज्जन को पहचान लिया था। चाम ने बयान दिया था कि घटनास्थल पर मौजूद सज्जन कुमार ने दंगाइयों से कहा था कि सिखों ने हमारी मां (इंदिरा गांधी) का कत्ल किया है, इन्हें नहीं छोड़ना। इसके बाद भीड़ ने मेरे बेटे और पिता का कत्ल कर दिया था।

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