चिराग पासवान ने भाजपा को दी चेतावनी, सीट बंटवारे पर नहीं बन रही बात

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माना जा रहा है कि 2019 के चुनावों में भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी को झटका लग सकता है। लिहाजा, सभी राजनीतिक दल पब्लिक का मूड भांपकर अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार में शामिल एनडीए के एक और घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने सीट बंटवारे के मुद्दे पर न केवल भाजपा और
जदयू के खिलाफ मोर्चा खोला बल्कि अपनी राहें अलग कर लीं। रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मोदी सरकार से इस्तीफा देते हुए एनडीए से नाता तोड़ लिया। बता दें कि इससे पहले इसी साल आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी अध्यक्ष ने भी मोदी सरकार और एनडीए से नाता तोड़ लिया था।
उनके बाद पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती भी एनडीए से अलग हो चुकी हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बहुत पहले एनडीए से रिश्ता तोड़ लिया था।
चुनावों से ऐन पहले पाला बदलने के लिए मशहूर और राजनीति के मौसम वैज्ञानिक कहलाने वाले लोजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और उनकी पार्टी के संसदीय दल के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भाजपा को नुकसान उठाने की चेतावनी दी है।
उनकी यह चेतावनी तब आई है, जब पांच राज्यों के चुनावी नतीजों से भाजपा परेशान है और आत्ममंथन के दौर से गुजर रही है। चिराग ने लिखा है, “गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है।
इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है।” बता दें कि पिछले हफ्ते (11 दिसंबर को) आये चुनावी नतीजों में हिन्दीपट्टी के तीन बड़े राज्यों में भाजपा की सरकार चली गई। वहां कांग्रेस की वापसी हुई है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि मोदी सरकार में वो दबाव महसूस कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा छोटे सहयोगी दलों का खा जाना चाहती थी। कुशवाहा ने कहा कि जो मेरे साथ हुआ, वही पासवान के साथ भी हो रहा है।
इसलिए समय रहते पासवान को भी अपनी राहें जुदा कर लेनी चाहिए। बता दें कि 2014 के आम चुनाव से पहले रामविलास पासवान यूपीए में थे लेकिन पाला बदलकर वो एनडीए में शामिल हो गए। उनकी पार्टी लोजपा ने बिहार में सात लोकसभा सीटों में से छह पर जीत दर्ज की थी।
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इसके बाद रामविलास पासवान को मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया था। इससे पहले 2004 के आम चुनावों से ठीक पहले भी पासवान एनडीए छोड़कर यूपीएम में शामिल हुए थे और केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बने थे।

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