पूर्व नौकरशाहों को केवल 2 लोगों की मौत की चिंता, 21 गायों की नहीं: भाजपा विधायक

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बुलंदशहर| यहां स्याना कोतवाली में तीन दिसंबर को गोकशी के बाद भड़की हिंसा को लेकर यूपी के 83 पूर्व नौकरशाहों ने पत्र लिखकर सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा था। हालांकि, अभी तक मुख्यमंत्री ने इस पत्र के जवाब में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
लेकिन बुलंदशहर के अनूपशहर विधान सभा सीट से भाजपा विधायक संजय शर्मा, मुख्यमंत्री के बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने पत्र की आलोचना करते हुए कहा कि,  उन्हें (पूर्व नौकरशाहों) को वहां केवल दो लोगों की मौत की चिंता है, 21 गायों कि नहीं। बड़े जनाधार से निर्वाचित मुख्यमंत्री को हटाने का अधिकार केवल जनता को है।
विधायक संजय शर्मा ने भी पूर्व नौकरशाहों को खुला पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि, अब आप सब बुलंदशहर की घटना पर चिंतित हो। आपके कल्पनाशील दिमाग केवल दो लोग सुमित और ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार राठौर की ही मौत देख पा रहे हैं। आपको नहीं दिख रहा है कि 21 गाय भी मरी हैं। कृपया समझें कि, जिन लोगों ने गायों को मार डाला, वे असली अपराधी थे। हमारे गौमाता की हत्यारे भीड़ के कारण निकल गए।
बुलन्दशहर में गोकशी को लेकर हुए बवाल के मामले में निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराए जाने के लिए प्रयागराज हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। यह याचिका हिंसा के मामले में नामजद आरोपी शिखर अग्रवाल उर्फ शिखर ने दायर की है। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राम सूरत राम मौर्य और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जनवरी, 2019 की तारीख तय की है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, वह एक मेडिकल छात्र है। इस मामले की जांच करने के बजाय स्थानीय पुलिसकर्मी उसके परिवार का उत्पीड़न कर रहे हैं।
इसलिए उसने अदालत से इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस से किसी अन्य एजेंसी को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया। हालांकि, इस रिट याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के वकील ने कहा कि बुलंदशहर हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है। इसके अलावा, मजिस्ट्रेट जांच भी चल रही है।

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