गोरखपुर: डॉ० कफील ने बहाली के लिए सीएम योगी को लिखा पत्र

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गोरखपुर. जिले में स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कालेज (बीआरडी)  में हुए आक्‍सीजन कांड के आरोपी डा. कफील खान ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को पत्र लिखकर अपनी बहाली की मांग की है।
उन्होंने अपने पत्र में परिवार का खर्च चलाने में हो रही परेशानियों का हवाला दिया है। वर्ष 2017 में 10/11 अगस्‍त की रात बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्‍सीजन की कमी से 36 बच्‍चों की मौत हो गई थी।

 

इस मामले में डा. कफील खान को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में उन्‍हें नौ माह जेल में बिताने पड़े थे। अब वह जमानत पर जेल से रिहा हुए हैं।
कफील ने पत्र में बहाली और सेवा बहाली के साथ भविष्‍य का भी हवाला दिया है। उन्‍होंने 22 अगस्‍त 2017 को हुए निलं‍बन का जिक्र करते हुए कहा है कि वह दो सितंबर 2017 से जेल में निरुद्ध रहे हैं। उन्‍हें 28 अप्रैल को जमानत मिली।
उन्‍होंने बताया है कि विवेचना के दौरान प्रार्थी के ऊपर प्राइवेट प्रैक्टिस और भ्रष्‍टाचार निवारण का आरोप झूठा पाया गया है। उन्‍होंने यह भी कहा है कि उच्‍च न्‍यायालय द्वारा जमानत आर्डर में उनके ऊपर लगाए गए मेडिकल निग्‍लेजेंस के विरुद्ध कोई साक्ष्‍य नहीं पाया गया है।
उन्‍होंने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि 10/11 अगस्‍त 2017 की रात लिक्विड आक्‍सीजन की कमी से मरते हुए बच्‍चों को बचाने का उन्‍होंने भरसक प्रयास किया था। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में भी इस बात को माना गया है। जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद उन्‍होंने अपनी जवाबदेही उनके समक्ष प्रस्‍तुत कर दी थी।

बहाली के लिए 22 बार निवेदन कर चुके हैं डा. कफील खान; पत्र में यह भी बताया है कि वह पूर्व में 22 बार बहाली, जीवन निर्वाह भत्‍ता, अन्‍य विकल्‍प का निवेदन कर चुके हैं। नियमानुसार जो निर्वाह भत्‍ता (90 प्रतिशत) बनता है, वह भी नहीं मिल रहा है।
16 माह बाद न तो विभागीय जांच पूरी हुई है और न ही उनके द्वारा लिखे पत्रों का उत्‍तर दिया गया है।  इसके साथ ही किसी प्रकार का निर्णय भी नहीं लिया गया है। उन्‍होंने पत्र के माध्‍यम से अपील करते हुए कहा है कि
अब प्रार्थी को जीवन निर्वाह के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्‍हें अपने साथ परिवार, जिसमें पत्‍नी, बच्‍ची और उनकी मां का भी जीवन निर्वाह करना पड़ता है, जो अब संभव नहीं हो पा रहा है।

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